Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बर्खास्त शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा विवाद एक बार फिर गरमा गया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बर्खास्त शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा विवाद एक बार फिर गरमा गया है। सोमवार को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा ‘योग्य’ और ‘अयोग्य’ अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की जानी है, लेकिन इसे लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस असमंजस के बीच आंदोलनकारी शिक्षकों ने एसएससी कार्यालय की ओर मार्च निकालने का ऐलान कर दिया है।
बीते 11 अप्रैल को बर्खास्त शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों ने कोलकाता के विकास भवन में शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाकात की थी। उस बैठक में एसएससी के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार भी मौजूद थे। प्रतिनिधिमंडल को उस दौरान 21 अप्रैल तक ‘योग्य’ और ‘अयोग्य’ उम्मीदवारों की सूची जारी करने का आश्वासन दिया गया था।
शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद फिलहाल जिन उम्मीदवारों पर कोई दाग नहीं है, वे ही स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। लेकिन पूरी पारदर्शिता के लिए योग्य-अयोग्य की सूची को सार्वजनिक किया जाना जरूरी है।
आयोग के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार से इस संबंध में संपर्क करने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे आंदोलनकारी शिक्षकों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
इस बीच, ‘योग्य शिक्षक, शिक्षिका और शिक्षाकर्मी अधिकार मंच’ के नेतृत्व में सोमवार को साल्टलेक करुणामयी से एसएससी कार्यालय की ओर एक बड़ा मार्च निकाला जाएगा। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सूची सोमवार को प्रकाशित नहीं की जाती, तो वे एसएससी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
हालांकि पहले यह आशंका थी कि शिक्षाकर्मी इस मार्च में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मंगलवार को उनकी माध्यमिक शिक्षा परिषद अध्यक्ष रामानुज गांगुली से बैठक निर्धारित है। लेकिन अब खबर है कि परिस्थिति को देखते हुए शिक्षाकर्मी भी सोमवार के मार्च में शामिल होंगे। हालांकि वे अपने अलग बैनर तले मार्च करेंगे या नहीं, इस पर विचार चल रहा है।